सुखना के जंगलों में मिले बार्किंग डियर व जंगल कैट

सुखना के जंगलों में मिले बार्किंग डियर व जंगल कैट

सुखना के जंगलों में मिले बार्किंग डियर व जंगल कैट

सुखना के जंगलों में मिले बार्किंग डियर व जंगल कैट

अर्थ प्रकाश/साजन शर्मा
चंडीगढ़, 28 जनवरी।
चंडीगढ़ में 2600 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में जंगल कैट व बार्किंग डियर जैसे जंगली जानवरों की मौजूदगी मिली है। सुखना के जंगल में सांबर बहुतायत में मौजूद है। राजाजी टीआर के बराबर यहां पर सांबर की मौजूदगी है। सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में 290 से 763 के बीच सांबर मौजूद हैं। 
    सेंक्चुरी में तेंदुआ, जंगल कैट, सुनहरी गीदड़ (गोल्डन जेकॉल), इंडिया ग्रे मॉनगूज, चीतल, वाइल्ड बोर (जंगली सुअर), नीलगाय, हनुमान लंगूर, इंडियन पैंगोलीन, इंडियन पर्कयुपाइन के अलावा इंडियन पीफोल, रेड जंगलफोल जैसी पक्षियों की प्रजातियां भी मौजूद हैं। चीफ कंजर्वेटर फोरेस्ट व चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन देबेंद्र दलाई ने बताया कि वाइल्डलाइफ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून (डब्लयूआईआई) ने वाइल्डलाइफ सर्वे के दौरान इसका खुलासा किया है।
    डब्लयूआईआई ने संस्तुति की है कि सुखना सेंक्चुरी में प्रवास करने वाले जंगली जानवरों व पक्षियों के अलावा यहां मौजूद वेजीटेशन की डिटेल स्टडी करने की जरूरत है। पक्षियों की प्रजातियों व कुछ अन्य जानवरों के सर्वे के दौरान सामने आया कि यहां करीब 16 प्रजातियां मौजूद हैं जिनमें से 13 मैमेलियन प्रजातियां हैं जिसमें मांसाहारी व शाकाहारी दोनों मौजूद हैं। इंडियन पीफलो व रेड जंगलफलो मुख्य तौर पर संरक्षित श्रेणी के पक्षी यहां मौजूद हैं। अन्य वाइल्ड स्पीशियेज में यहां फीरल कैटल व फ्री रेंजिंग स्ट्रे डॉग्स भी मौजूद हैं जिनकी मैनेजमेंट के लिए दखल देने की जरूरत है।  

सुखना में जंगली जानवरों व पक्षियों की 16 प्रजातियां पाई गई
सुखना के जंगल में 290 से 763 के बीच सांबर मौजूद, तेंदुआ, जंगल कैट, सुनहरी गीदड़ (गोल्डन जेकॉल), इंडिया ग्रे मॉनगूज, चीतल, वाइल्ड बोर (जंगली सुअर), नीलगाय, हनुमान लंगूर, इंडियन पैंगोलीन, इंडियन पर्कयुपाइन के अलावा इंडियन पीफोल, रेड जंगलफोल जैसी पक्षियों की प्रजातियां भी मौजूद ।
यूटी के एफडब्लयूआई व देहरादून के डब्लयूआईआई ने किया सर्वे
फोरेस्ट व वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट, यूटी ने सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी का मई 2021 में डिटेल सर्वे किया था। वाइल्डलाइफ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून ने इसमें टेक्निकल असिस्टेंस दिया था। 5 मई से 9 मई तक किये गए सर्वे में कई जानकारियां सामने आई। डब्लयूआईआई की रिपोर्ट के अनुसार सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी का क्षेत्रफल हालांकि छोटा है लेकिव बावजूद इसके यहां बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी है। इसे एक महत्वपूर्ण वाइल्डलाइफ व बायोडाइवर्सिटी कंजर्वेशन एरिया के तौर पर माना जा सकता है।